आजरात्रिका
सुविचार सत्यवचन
ब्रह्मदत्त
उम्रबढ़ी.तजुर्बेबढ़े.बढ़तागयाहरज्ञान..अच्छे और
बुरे की होने लगी पहचान..कुछ बातें ऐसी घटी फिर
भी रहाअनजान..ईश्वर से तू भूल गया जुड़ना यह
कैसाअज्ञान..ईश्वर ने ही दिलाई है तुझको मानव और
मानवता की पहचान..ब्रह्मदत्तत्यागीहापुड़