क्या ही बात हो गई...
पता है?
वह जो आंखे रो रही थी,
और
साथ ही ये इत्तेफाक की...
होंठों पर मुस्कुराहट थी!
वैसे ही जैसे
दर्द भरा दिल था,
और...
न बयान हुआ था।
वैसे ही जैसे
झुकी हुइ वे पलकें थी,
और...
सबने समजी अदा थी।
वैसे ही जैसे
जोडे के प्यार की बड़ी मिसालें थी,
और...
उन दोनों में सिर्फ बची तकरारें थी।
वैसे ही जैसे
खुली सी हवायें थी,
और...
घुटन बेहिसाब थी।
वैसे ही जैसे
आंखें तो सोई सोई हुई थी,
और...
किसीके सपने जाग रहे थे।
वैसे ही जैसे
हाथों से बाहरी काम तो हो रहे थे,
और...
ख्याल दिमाग से निकले ही नहीं थे।
वैसे ही जैसे
साँस चल ही रही थी,
और...
धड़कन चूक गई थी।
सम्हल जाओ...!
ये नजरों का धोखा है कि,
इतना ही सच रहा - यकीन करने को
कि•••
जो दिखे, सो कुछ का कुछ।
जो ना दिखे, सो ही सबकुछ।।
Riddhi
3:30pm, 16th June