#आज की प्रतियोगिता "
# विषय .बातूनी "
*** कविता ***
बातूनी पल में ,दिल जीत लेते ।
बातूनी भर पेट ,हंसाने में माहिर होते ।।
बातूनी के पास ,बातों के भंड़ार होते ।
बातूनी कभी ,उदास नहीं दिखते ।।
बातूनी दिल के ,निर्मल ,सरल होते ।
बातूनी कभी ,अस्वस्थ्य नहीं होते ।।
जीवन तो हंसी ,का खैल समझते ।
जो हंसते वो ही ,जीवन खुशी से बिताते ।।
हंसी सभी गमों की ,श्रेष्ठ दवा मानते ।
कहता बृजेश तो जीवन बातूनी बनाये ,लंबी खुशहाल जीव पाये ।।
बृजमोहन रणा ,कश्यप ,कवि ,अमदाबाद ,गुजरात ।