बेबाक हूं मैं,
सामने वाले के होश उड़ा देती हूं।
हृदय की व्यथा को शब्दों से बहा देती हूं।
हौंसला मेरा इतना बुलंद,
आसमां भी छोटा लगे।
गलत को गलत, सही को सही कहना मुझे अच्छा लगे।
तभी तो मायानगरी के होश उड़ा देती हूं ।
बेबाक हूं मैं,
मायानगरी की ईंट से ईंट बजा देती हूं।
बेबाक भी बातूनी भी: कंगना
#बातूनी