मोल हर किसीका बस कुछ इतना है
कौन किसके लिये जरूरी कितना है
दुनिया है एक झाँकी
ये रीत है यँहा की
देखे तु खर्च कितना
कितना बचा है बाकी
आज नहीं तो कल सबकुछ बिकना है
सपनों को बेचकर
चला जाये सौदागर
क्या रोये क्या पछताए
किस्मत के नाम पर
मेल ख़्वाब से किस्मतका कहाँ रोज होना है
Sagar...✍️