ई दुनिया में भले ही रहा करो, पर कभी एक आध किताब भी पढ़ा करो ।
मोबाइल की स्क्रीन को स्क्रोल करते- करते जब थक जाएं उंगलियां, किताबों के पन्नें पलटाकर तब थोड़ी राहत उन्हें भी दिया करों ।
मोबाइल की रोशनी से थकी आंखों को, किताब के चंद अल्फाज पढ़ाकर थोड़ी ठडंक भी तो दिया करों ।
ई किताबों में वह खुशबू कहां, जो किताबों के पन्नों में समाई है ।
मोबाइल को सिर किनारे रखकर सोने में वह खुशी कहां, जो किताबों को सीने पर रखकर हमने पाई है ।
पी.डी.एफ. फाईल में पहले प्यार का वो अहसास कहां, जो किताबों में दबा सुखा गुलाब महसूस कराता है ।
ई दुनिया में भले ही रहा करो, पर कभी एक आध किताब भी पढ़ा करो ।
किताबें इस जहान की, इस जहान से परे आसमान की।
किताबें वेद पुराण की, किताबें धर्म महान की ।
किताबें युद्धों के रक्तों पात की, किताबें अमन बयार की।
किताबें ज्ञान-विज्ञान की, किताबें हिन्दूस्तान की।
किताबें देश-विदेश की, किताबें प्यारे स्वदेश की।
किताबें बाल सुलभ मन की, किताबें गंभीर चिंतन की।
किताबें छुपे हुए खजाने की, किताबें अतंरिक्ष में उड़ जाने की।
किताबों का संसार निराला है, किताबों ने ही हमारा प्राचीन ज्ञान सम्हाला है।
इसलिए
ई दुनिया में भले ही रहा करो, पर कभी एक आध किताब भी पढ़ा करो ।