चुप
जो सहते यातना थे,
प्रार्थना में लीन रहते थे,
वो बस परमात्मा के ध्यान में,
तल्लीन रहते थे।
मगर यह सिलसिला,
चलता रहा,
लंबे दिनों तक जब।
तो जोड़े हाथ,
बोले हे प्रभु,
थोड़ी दया कर अब।
कोई तो मार्ग होगा,
जिससे सब तुझ तक,
पंहुचते हैं।
तू सबको चाहता है,
बात सारे लोग,
कहते हैं।
हमारी राह रोशन कर,
अंधेरा है यहां पर धुप्प।
भटक जाएंगे हम सब,
गर रहा जो तू अभी भी चुप।।
#Quiet