दिल लगता है क्यु वहीं
जहां दिल की कीमत नहीं
अश्क़ आंखों मे जवाँ
धुंदला सा लगे समाँ
अश्क़ और पानी मे
ना फर्क पता जहाँ
अश्क़ बहते है क्यु वहीं
जहां आंसू की कीमत नहीं
ये दुनिया के दस्तुर
कर देते है मजबूर
मिलता है दर्द उसे
जो होता है बेकसूर
बात बढ़ती है क्यु वहीं
जहां लफ्जो की कीमत नहीं
दिल लगता है क्यु वहीं
जहां दिल की कीमत नहीं
Sagar...✍️