बेटी को एक सजावटी गुड़िया न तैयार करें। उसे इतना गुणी बनाएं कि सिर्फ घर ही नहीं बल्कि दुनिया चलाने की गुणवत्ता से वह लबरेज़ हो। उड़ना ऐसा सिखाएं कि पैर जमीन से जुड़ी रहे उसकी, ये भी भान रहे।
कृत्रिम सजावट से परे बेटी का गहना उसका आत्मविश्वास बने और सफलता की चमक के आगे हर मेकअप बेकार।
छुईमुई सी सजावटी गुड़िया सी बेटी, बहू, पत्नी या माँ को न सिर्फ समाज, परिवार या पति ही महत्वहीन समझते हैं बल्कि कालांतर में वह अपने बच्चों की नजरों में भी बस एक वस्तु बन कर रह जाती है।
अतः अपनी बेटी को उच्च शिक्षा और सामाजिकता की समझ के साथ एक मजबूत शख्सियत के रुप में तैयार करे ताकि भविष्य में वह न सिर्फ खुद की बल्कि सारे परिवार का रीढ़ साबित हो।
एक औरत को ऐसा बनना चाहिए कि उसे देख उसकी बेटी भी उस सा ही बनना चाहे और उस का बेटा उस सी ही पत्नी की चाहत रखे।
#सजावटी