महोबत की देवी का नाम रती है, और वो कामदेव की अर्धागनीं है,कामदेव यानी रोमास, लोग उसे वासना कहते है, लेकीन वो ये नही समजते प्रेमऔरकामना एक है,
पहले ये प्रेम कहानी सुने, बाद मे सोचना।।।
राक्षस ने वरदान लीया सीव पुत्र से ही मारा जायेगा, शीव पुत्र कारतीके के जन्म के लीए शीव पार्वती का मीलन जरुरी था , पर शीव तो योग साधना मे लीन थे, कीसका साहस उन्हे जगाये, शीवमे कामना पेदा करने और सीवपार्वती के मीलन हेतु , देवो ने कामदेव को भेजा , योग साधना से जगाने से सीव क्रोधीत हुए ओर तीसरे नेत्रशे कामको शीवने भस्म कर दीया, माता रती की साधना और पतीता धर्म को देखकर शीवने कामदेव को जीवीत कीया।।
काम और महोबत की देवी माता रती का फीरसे मीलन संभव हुआ।।
अब आप समजो****
महोबत की देवी माता रती काम की अरधान्गनी यानी उनकी भार्या (पत्नी) है। यानी महोबत के बीना कामना नही।। महोबतसे जो शुष्टी का सर्जन होता है, और नफरत से सर्वनास।।
क्या जानते है हम महोबत के बारे मे ?कीतना जानते है?
सत्य तो यह है जो मेने बताया।।
महोबत कामकी पत्नी अर्धागनीं है,
दोनो एक दुजे के बीन अधुरे है , और दोनोने वीयोग बेठा है, और श्रध्धा वीश्वास और साधना से दुबारा ऐक दुजे को पाया है।।
अब सत्यको समजो।। यही सत्य है।।
क्या जानते हो महोबत के बारे मे? पहले पुरा सत्य समजो यारो।।। भीर कोई नीर्णय लीजीए।।