आजा पिया लेके निंदिया
तन्हा न कटे लंबी रतिया
चाँद और चांदनी है जनम जनम के साथी
जैसे तू जलता दिपक और मै हु तेरी बाती
तू पास बैठा रहे
मुझसे करता रहे
प्यार भरी मीठी बतिया
तन्हा न कटे लंबी रतिया
गुजरे जो छू कर ये मद मस्त थड़ी हवा
जगा रही है पल पल कोई एहसास नया
हल्की सरसराहट
लगे तेरी है आहट
कसक बनी है ये दुरिया
तन्हा न कटे लंबी रतिया
Sagar...✍️