आओं मेरे प्रभु प्यार का मूल्य समझा दो पार्वती के शिवजी,
आओं मेरे प्रभु प्यार वाला डमरू बझादो मेरे बंमभोले नाथजी,
आओं मेरे प्रभु प्यार का सुर लगादो मेरे वीणा के ओम्कारेश्वरजी,
आओं मेरे प्रभु प्यार का अमुल्य नुत्य सीखादो मेरे नटराजनजी,
आओं मेरे प्रभु प्यार में पागल का तांडव करवादो मेरे महाकालेश्वरजी,
आप तो प्यार के सबसे बडे ज्ञानी एवंम रचैता हे मेरे प्यारे भोलेनाथजी,
आपने श्री कृष्ण को प्यार का मूल्य समझाया था शीवजी,
आपने श्री राम को भी प्यार मूल्य समझाया था शीवजी,
हमको भी प्यार मूल्य का समझा दो पार्वतीजी के शीवजी।
हर हर महादेव.......................