उम्मीदें रखो सब मुस्कुराएंगे
कि अच्छे दिन आएंगे
हाथ मिलाकर गले लगाएंगे
बिना मास्क चेहरे होंगे
सैनिटाइजर सस्ते होंगे
सब साथ बैठ बतियाएंगे
ट्रेनें उम्मीदें ले जाएगी
बसे फिर धूल उड़ाएंगी
जहाजे आसमान चीर उड़ेंगे
ट्रैफिक फिर जाम होगा
सिग्नल पर आंखे चार होंगी
स्कूलों से बच्चे निकलेंगे
प्रेमी जोड़े गले मिलेंगे
पटरियों पर बाजार सजेंगी
शहरों में रौनक आएगी
मन्दिर मस्जिद चर्च गुरद्वारे
देवी देवताओ के द्वार खुलेंगे
ऑफिस फैक्टरियां दुकाने खुलेंगी
लोगो को रोजगार मिलेंगे
मुश्किलें बहुत है तो क्या
थोड़ा परेशानियों भी लड़ जाएंगे
उम्मीद हौसले भरोसा बनाये रखना
की इस बार अच्छे दिन जरूर आएंगे
surya shukla