जिंदगी की कुछ हल्की फुल्की यादें, जो अनुभावों और परेशानियों के साथ हम सभी ने कभी ना कभी,
कहीं ना कहीं अपने आप के उमड़ते देखा है..।
सफर का मजा लेना हो तो साथ में सामान कम रखिए
और
जिंदगी का मजा लेना हैं तो दिल में अरमान कम रखिए..!
तज़ुर्बा है मेरा.... मिट्टी की पकड़ मजबुत होती है,
संगमरमर पर तो हमने .... पाँव फिसलते देखे हैं...!
जिंदगी को इतना सिरियस लेने की जरूरत नही यारों,
यहाँ से जिन्दा बचकर कोई नही जायेगा!.......
जिनके पास सिर्फ सिक्के थे वो मज़े से भीगते रहे बारिश में ....
जिनके जेब में नोट थे वो छत तलाशते रह गए...
-प्रद्युम्न