#Click to see/खींच कर देखना
(यह अनुवाद जानबूझकर थोड़े हास्य के लिए लिया है)

वह मालिक हैं, मैं नौकर हूं,
पर बाहर, जाने क्यों कर हूं?
मैं कहता हूं चाभी दे दें,
वह कहते अलने से ले ले।

मैं खोज-खोज कर हार गया,
तब तक आया आदेश नया।
अब जल्द चाय ले कर आजा,
मैं समझ गया अब मिली सजा।

साहब चाभी ही मिली नहीं,
अभी कहां चाय की टेक,
अलने पर कागज बिछा हुआ,
तू उसे खींच कर देख।।

Hindi Poem by Yasho Vardhan Ojha : 111449544
shekhar kharadi Idriya 4 year ago

अत्यंत सराहनीय..

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now