#પતંગ #
जीवन एक पतंग सा है
उसके कई सारे रूप रंग
हर एक रिश्ता बंधा है
मीठी उम्मीदों की डोर से
हल्के, भारी, बड़े, छोटे
जीवन संग रंग समाए
उत्साह सी एक महेनत से
फिर डोर बंधी भरोसे की
रिश्तों के बांधे जोतो से
चल आज मै ऊपर हो लू
सम्मान पाने की चाह में
मै आसमां तक हो लू
बार बार उठू , गिरू
फिर उठूं और आखिर
खुले आसमां को छू लू
हवा का एक अलग रुख से
हुई भारी खींचा तानी
कटे,बचे, कई कटे फिर बचे
तब दिखी ऊंचाई सब को
सम्मान की इस ऊंचाई पर
ये खुशी सा आसमां है फैला
फिर से एक एहसास की
नई उम्मीदें मै भर लू
चलो आज मै फिर से
"Asi"आसमां को छू लू