#परिचय
परिचय है ना मेरा
क्यू लेता है इम्तहान इतनी---
परिचय है ना मेरा
क्यू लेता है समय इतना---
परिचय है ना मेरा
क्यू करता है अनसुनी इतना---
परिचय है ना मेरा
क्यू सताता है मुझे इतना---
फिर भी तु चाहे जो भी कर
मुझसे परिचित हो ना तुम---
बनी रहूंगी अटल में जबतक
नहीं रिजेगा तु मुझसे---