#परिचय
कैसे बांदेगी बेड़िया?
कैसे लगेगी हथकड़ियां?
तू है हवा तेज़ सी,
तुज में अग्नि ज्वाला सी,
तू शीतल पानी सी,
तुज में महेक चंदन सी,
तू भर उड़ान परिन्दों सी,
आसमा भी राह देखेगा,
कर पहचान अपनी ताकत की,
कर परिचय आत्म विश्वास का,
सूरज भी देखके तुझको,
रोशनी का घर ढूंढे रे।
Mahek Parwani