कोरोना के बढ़ते खौफ ने ऐसा पांव पसारा
दहशत से इसकी सुनसान हो गया गली, मोहल्ला सारा
इस लॉकडाउन ने आलसियों की कर दी पौ बारह
हर घर बन बैठा देखो, आलस्य का आशियाना
पहले तो बस रविवार को ही आलस्य घर में आता था
अब तो जनाब 40 दिन से घर में पाव पसारे बैठा हैं
छोड़ कामकाज अपने, हर कोई चादर ताने लेटा है
हम भारतीय नारी तो अपनी आदत से मजबूर हैं
चाहे भी तो देर तक कहां हम सो पाती हैं
सूरज की पहली किरणों के संग ही
बिना अलार्म क्लॉक आंख हमारी खुल जाती है
पर घर के बाकी कुंभकरणों को कैसे हम जगाए
कोई तो इनके सिर से आलस्य का भूत उतारने
का उपाय हमें बताएं, जिससे चैन की दो घड़ी
हम भी जी पाएं।
सरोज ✍️