मातृ भूमि पर मेरी तीन सौ छः बाईस ( कविता ) पढ़ कर मुझें आशिर्वाद जरुर दें ,ताकी मेरी कलम को प्रोत्साहन मिलें ।
सखा .
तुम मेरे सखा हो ।
तुम मेरे मनमीत हो ।।
तुम मेरे दिल के तार हो ।
तुम खुशियों के पल हो ।।
तुम मार्गदर्शन हो ।
तुम जीवन आधार हो ।।
तुम उदास दिल को खिलाने वाले हो ।
तुम आँखों के तारे हो ।।
तुम पथ प्रदर्शक हो ।।
तुम दिल के दर्द को जानने वाले हो ।
तुम विश्वास के आधार हो ।।
तुम बिन जीवन सुना है ।
तुम सच्चे मनमीत हो ।।
बृजमोहन रणा ,कश्यप ,कवि ,अमदाबाद ।