तेरे मेरे बीच की लकीर को अब मिटा दे ।
सही नही जाती जो दुरिया अब उसे मिटा दे ।
कोशिश करके थक चुकी हूं अब में ।
फिर भी मिटा नही पायी जिसे ;
उसे तू मिटा दे ।
खत्म कर बस तू ये दूरियों का आलम ।
मेरी ख्वाईश ये बस तू पूरी कर दे ।
कूछ एसा कर अब तू की
या तो दिल से गम मिटा दे ।
या तो नज़र में से तेरी तस्वीर मिटा दे ।
Dr.Divya