में कुछ नही ला पाया इस शहर से
बड़ी मुस्किलोसे निकल आया हु शहर से
300 की दहाड़ी के लिए गाव छोडा
अंजान था में महगाई के कहर से
पेट के वास्ते बड़ी मेहनत की
और लात भी खाई पेट पे शहर से
ये बीमारी कुछ ना बिगाड शकती
अगर थोड़ी संभाल मिल जाती शहर से
भूख मिटानेको आया था गाँव से
भूख ले जा रहा हु शहर से ।।