#दूल्हा
चिराग लेके निकले थे,
मिस्टर परफेक्ट की खोज में,

उम्र बीत गई, ज्यादा के लोभ में,
अकेले ही रहे गए ,जीवन के सफर में,

तब समज आया जीवन का गणित,
यू तो कभी भी न होता पल्स,
माइनस-माइनस होता है प्लस,

समज रहे गयी हमसे परे,हम रह गए संसार से परे,
इसलिए,भइया समय- समज से कर लो हर काम,

दूल्हा हो या बिज़नेस निर्णय ले विश्लेषण करके,
जीवन मे तभी तो है लगते चार चांद।
Mahek parwani

Hindi Poem by Mahek Parwani : 111425511

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