** कविता **
# विषय .हमदर्दी **
तुम्हीं से जी जान ,से प्यार करते है ।
क्यूँकी तुम्हारे नाजुक ,दिल में रहते है ।।
तुम्हारी आरजु ,दिन रात हम करते है ।
क्यूँकी तुम्हारे प्यार ,की पनाह में रहते है ।।
तुम्हें दिल से पाने ,की चाह रखते है ।
क्यूँकी तुम्हारे दीदार ,की चाह हम करते है ।।
तुम्हें आँखों में ,बसाना हम चाहते है ।
क्यूँकी हम तुम्हारी ,निगाह में रहते है ।।
तुम्हें छोड़ कर अब ,कही जाना नही चाहते है ।
क्यूँकी हम तुम्हारी ,हमदर्दी सदा चाहते है ।।
बृजमोहन रणा ,कश्यप ,कवि ,अमदाबाद ,गुजरात ।