#आज की प्रतियोगिता "
# विषय .दूल्हा "
# विधा .कविता ***
दूल्हा बनना सबको ,प्यारा लगता ।
दुल्हन लाना ,सबको अच्छा लगता ।।
दूल्हे का सेहरा ,कितना सुहाना लगता ।
दुल्हन का तो दिल ,दीवाना लगता ।।
दूल्हा जीवन में ,एक बार बनने मिलता ।
दूल्हा भाग्यशाली ,ही बन पाता ।।
दूल्हा बनना हिन्दू ,परम्परा कहलाता ।
शादी के लिए ,दूल्हा बनना पड़ता ।।
दूल्हा वैदिक ,परम्परा कहलाता ।
धर्म की दृष्टि से ,सब को मान्य होता ।।
बृजमोहन रणा ,कश्यप ,कवि ,अमदाबाद ।