आंख ही बंद हुई है ; सोना अभी बाकी है।
रात में तेरी याद में टुटके बिखरना अभी बाकी है।
तुजे याद करके खुद ही बढ़ाते है अपने जख्मो की गहराई को ।
फिर भी लगता है तेरी याद में जलना अभी बाकी है ।
हर रात तू पास होता है ख्वाबो में मेरे ; बस ख्वाबो में अभी टूटना बाकी है ।
रूक जा तू मेरे पास ख्वाबो में ही ;
क्यों जल्दी मची है तुजे जाने की :
इस ख्वाब का तो टूटना अभी बाकी है ।!!
सुबह हुई है ; ख्वाब के टूटने की बात हुई है ।
पर अभी तो बस आंख ही खुली है मेरी ;
टूटना अभी बाकी है ।
तेरे मेरे दरमियां जो बात हुई है ; उसे संजोना अभी बाकी है ।
बिखरी हुई हु खुद ही उसे भी संजोना अभी बाकी है।
Dr.Divya