#चेहरा हिन्दी .. Lyrics
हमें तो हो गई श्याम की पडछाई से प्रीत
मन के जीते जीत है मन के हारे हार
अब तो मन के भीतर ही
चेहरा श्याम श्याम श्याम का दिखाएं..२
काहे जाए गोकुल वृंदावन मथुरा द्वारिका
हमारी आंखों में ही
श्याम श्याम श्याम हे समाए..२
बचपन में एक कथा सुनी जिसमें कान्हा
का गुणगान तब पूछा महाराज से दोनों नैनों
में अश्रु है यह "ठाकुरजी "कहां मिल जाए ?
मीरा के मन में गिरधारी बसें अब बस उनसे
हर पल मिलने की लगी आस..
अब तो मन के भीतर ही
चेहरा श्याम श्याम श्याम का दिखाएं..२
हमें रंग श्याम का ऐसा लगा दूजा रंग न
लगने पाए अब विश अमृत में फर्क क्या
जब गिरधर ही आकर हमें बचाए मैं हो गई
श्याम की अब मेरा जीवन भी अमर हो जाए
हर पल मिलने की लगी आस...
अब तो मन के भीतर ही
चेहरा श्याम श्याम श्याम का दिखाएं. २
अगले जन्म में तो नहीं मिली इस जन्म में
शाम को मिलने की लगी आस श्याम देखें
मीरा को दुनिया ना जाने राम को तो मीरा की
प्रीत कहां से जान पाए ? अपने भीतर समा
के ले लिया मीरा को अपनाएं..
हमें तो हो गई श्याम की पडछाई से प्रीत
मन के जीते जीत है मन के हारे हार
अब तो मन के भीतर ही
चेहरा श्याम श्याम श्याम का दिखाएं..२
काहे जाए गोकुल वृंदावन मथुरा द्वारिका
हमारी आंखों में ही
श्याम श्याम श्याम हे समाए..२
सुनिल कुमार शाह