आप अपनी विचारधारा पर गहरा यकीन रखें, किन्तु अपने विचारों को लचीला रखिए। वर्षों से हम सब गीता का ये ज्ञान पढ़ते आ रहे हैं कि कर्म करो, फल की चिंता मत करो। लेकिन आज समय की मांग है कि हम फल से डर कर अपने कर्म रोक कर बैठे हैं।
गीता में हमारे गहन विश्वास के चलते ही हमारे न्यायालयों में गीता पर हाथ रख कर सत्य कहने की सौगंध खिलाई जाती है।
लेकिन हम सब जानते हैं कि अंत में आमने- सामने खड़े लोगों में से एक सही और एक ग़लत निकलता है।