प्यास है नजर की, इन्तजार ए अलम भी है
रेगीस्तानी लिबास है, महोबत खास ही है
तपीश है बडी ,सजाया अशकों से हमने भी
बीरहाना अलम जिंदगी ,महोबत खास ही है
छुपकर वार ना करना , गुमसुदा क्युं है तु ही
दिल ए नूर ,यार रंगीन ,महोबत खास ही है
वक्त के साये में ,बुन ली ही चदरियाँ दिल की
नजर ए नूर का पैगाम , महोबत खास ही है