हमने सोचा अब....
नहीं करेंगे शिकायते नहीं करेंगे परेशान
आ गया समझ में कैसा लगता है बंधन
हमने सोचा अब....
कर सकता है तु सब उलजने दूर हमारी
रखना है धैर्य हमे कुछ तो अच्छा होगा
हमने सोचा अब.....
कैसा लगता है अपनो के साथ अपनापन
ये स्नेह धरोहर रखनी है संभलकर
हा....हमने सोच लिए....