रंगमहल के दस दरवाज़े
हमारी फ़िल्मों की रंगीन दुनिया एक जादुई रंगमहल है। इसमें कौन कामयाब होगा, ये तो ख़ुद उसकी क़िस्मत, काबिलियत और सलाहियत पर है। लेकिन इस रंगमहल में कौन, कैसे घुसेगा, इसके कई रास्ते हैं।
कुछ लोग तो इसमें अपनी अम्मी या अब्बा के दम पर दाख़िल हो गए। मम्मी या पापा स्टार हैं, तो चलो हम भी!
कुछ लोगों के नसीब ने ज़ोर मारा और वो सितारा बन गए। मैं तो रस्ते से जा रही थी, या मैं तो भेलपूरी खा रहा था... वहीं कोई कैमरा वाला या फ़िल्मवाला घूम रहा था, और बस!
कुछ लोगों ने बाकायदा एक्टिंग स्कूल में दाखिला लिया। एक्टिंग, घुड़सवारी, ड्राइविंग, स्विमिंग, डांस, फाइटिंग, स्टंट्स, लव आदि के गुर सीखे और चले आए।
मजेदार बात ये है कि कुछ लोग तो फ़िल्म में केवल इसलिए काम पा गए कि वो सेट पर हीरो या हीरोइन का टिफिन लाते थे, और एक दिन कोई कलाकार बिना बताए अनुपस्थित हो गया। बस, बिल्ली के भाग से छींका टूटा।
कुछ लोगों को उनके आइने ने कहा- तुम कुछ लेते क्यों नहीं? मतलब मुंबई जाकर चांस तो लो... और वो चले आए सबसे बचा के अंखियां!
कुछ लोग मॉडल थे, देखते - देखते सिर पर जगमगाता हुआ ताज आ गया और पीछे- पीछे आ गया कैमरा भी!
एक बार शहर में एक मशहूर जिम खुला। जिम का मालिक अपने समय का एक अनुभवी अंतरराष्ट्रीय मॉडल था, जिसने दुनिया देखी थी और देश- विदेश के कई फिल्मी- गैर फिल्मी रंगारंग कार्यक्रमों से जुड़ा था।
उसने युवाओं को बॉडी की ग्रूमिंग के साथ- साथ करियर सपोर्ट देने में भी खासी रुचि दिखाई।
वो जानता था कि दुनिया में एक "विश्वसुंदरी" का चुनाव करने से एक देश का नंबर कई दशकों के बाद दोबारा आता है।
इससे भाग लेने वाले मॉडल्स का मनोबल टूटता है।
इसीलिए अधिकांश देश सबसे ख़ूबसूरत महिला चुनने के साथ- साथ अब सबसे चमकदार रंग वाली, सबसे सुंदर बालों वाली, सबसे दिलकश आंखों वाली, सबसे ज़्यादा फोटोजेनिक, सबसे मादक चाल वाली, सबसे मोहक मुस्कान वाली आदि...भी चुनते हैं।
इसी तरह सबसे सुदर्शन चेहरे वाला, सबसे गठीले जिस्म वाला, सबसे चौड़ी छाती वाला, सबसे सुतवां पेट वाला, सबसे मज़बूत बांहों वाला... युवक भी चुना जाने लगा।
आपको ये दिलचस्प जानकारी पाकर हैरानी होगी कि हमारे कुछ कलाकारों ने इस रास्ते भी फ़िल्मों में मौक़े पाए।
ग्रूमिंग करने वाले कहते- लो, जिस्म हम देते हैं, एक्टिंग में प्राण तुम डालो। इस तरह "रूह तुम्हारी, जिस्म हमारा" के समीकरण से भी कुछ सितारे फ़िल्मों में आए।
पिछली सदी के आख़िरी दशकों में एक अभिनेत्री तो केवल इसलिए फ़िल्म में काम पा गईं कि जिम में बॉडी फिगर नापने वाले स्टाफ ने उन्हें अव्वल पाया।
एक युवा प्रतिभाशाली एक्टर, जो बाद में एक मशहूर सुपरस्टार एक्ट्रेस के पति भी बने, इसी जिम में नापने वालों को अपना लोहा मनवा कर फ़िल्मों में आए।
जब उनका विवाह हुआ तो दर्शक हैरान थे कि आख़िर मैडम ने इनमें क्या देखा? लेकिन उनके प्रशंसक जानते थे कि मैडम टैलेंटेड हैं, कुछ तो देखा ही होगा!