#आज की प्रतियोगिता "
# विषय . नियति **
** कविता **
नियति के आगे ,किसी का चलता नहीं है ।
नियति के आगे ,सर झुकाना ही है ।।
नियति के आगे ,मानव विवश है ।
नियति किसी को ,छोड़ती नहीं है ।।
राम के हाथों रावण की ,मौत लिखी थी ।
श्रीकृष्ण के हाथों ,कंस की मौत लिखी थी ।।
नियति ही मानव को ,मृत्यु तक ले जाती है ।
नियति मानव की ,बुद्धि पल में बदलती है ।।
नियति मानव के ,कर्मो का लेखा रखती है ।
नियति कर्मो के ,अनुसार फल देती है ।।
बृजमोहन रणा ,कश्यप ,कवि ,अमदाबाद ,गुजरात ।