दर्द ए दिल को, शुकुन मिल जाए तो अच्छा
लडखडाते कदम काश, ठहर जाए तो अच्छा
मंजि़ल ए महोबत, बहुत दुर है हमसे दोस्तो
रहेनुमा दिल कोई खास,मिल जाए तो अच्छा
बहुत झेला है अंधेरा , नाज़ुक कलियों ने यहाँ
सनुहरी सहर कोई खास, मिल जाए तो अच्छा
दुरस्त हो जाए , राहे वफा महोबत में यकीनन
नुरानी नज़र कोई खास, मिल जाए तो अच्छा
दस्तक देती है उम्मीदें , दिल के दरवाजे़ पर
हकीकी हुश्न कोई खास, मिल जाए तो अच्छा