सुकुन ए दिल बरसती, आँखों से नूरानी
ईबादत है दिल ए यार , फकत यह रुहानी
काँटों का राह चुना , गुल ए दिल फरिस्ता
गुलिस्ताँ है रहेमत , आशियाँ दिल रुहानी
तुटकर गीर जाए ,कहीं पतझड़ के मौसम में
इन्तजार रहेगा ,मौसम ए बहार दिलरुबानी
है फकत कुरबानी , फितरत ए फन फना की
झुस्तजु ओर आरज़ू, ईबादत है बस रुहानी