बहोत सारे सवालों का
जवाब ढूंढता है ये मेरा
जिज्ञासु मन!!
ये ब्रह्माण्ड का जन्म क्यों हुआ है
हम इस धरती पर क्यों आए है
हमारा यह जन्म क्यों हुआ है
हमारा जीवन का ध्येय क्या है
हम जीवन के सपने क्यों बुनते है
हमारी आंखों में अच्छा बुरे अनुभव से आंसू क्यों आते है
हम रिश्तों में मिठास क्यों चाहते है
हम रिश्तों में भरोसा क्यों करते है
हमारा मन सारी भावनाएं क्यों अनुभव करते है
हम आगे बढ़ने की उम्मीद क्यों रखते है
हम नए रास्ते की खोज में क्यों उलझे रहते है
ये सारे मनोमंथन में एक ही बात आती है
मेरे ये जिज्ञासु मन में
क्या ऐसा होगा कभी!!!
कहीं पढ़ी हुई पंक्तियां है ये की.....बस,
"एक सुबह ऐसी हो
जहा आंखे जिंदा रहने के लिए नहीं
ज़िन्दगी जीने के लिए खुले"
#જિજ્ઞાસુ