थोड़ी सी चाय की पत्तियां
जैसे तुम्हारी विरह की कटुता,
थोड़ी सी शक्कर
जैसे तुम्हारी मोहक मुस्कान की मिठास,
थोड़ी सी अदरक
जैसे कभी-2 झगड़ना तेरा-मेरा,
थोड़ा सा पानी
के जैसे हो मेहरबान हम पर कोई आसमानी,
एक रंग बना
तुझमे में मेरे मुझमे तेरे घुल जाने से
चाय सी
दुनियां
हमारी......!!