एक #रानी ऐसी उमा दे,
जो रूठ गई अपने राजा से।
सखी ने उसकी भ्रमित किया ,
बन बैठी #रानी उसके राजा की,
मानिनी , स्वाभिमानिनी,
राजा को हरदम पति तो माना।
किये सुहागन ने व्रत, पूजन
दी न जगह दिल में, न कुछ माना ,
राजा भी था पक्का हठी,
कोशिश की फिर, हार न मानी।
चढ़ आया था शत्रु राज्य पर,
गया लड़ाई को किया कमाल,
तब कर्तव्य निभाती पहुँची ,
उसकी सहायता को, किया धमाल।
राजा ने एक बनवाया महल,
नाम रखा रुठी #रानी का महल।
💐शोभा शर्मा 💐
दि. 03/04/20
#रानी