सुदंर रचना ..
# विषय .गुणवत्ता ..
आदमी की किमंत गुणवता से होती है ।
जितने उसमें गुण होते है वो महकता है ।।
पल में दुसरों की आँख का तारा होता है ।
सभी उसकी इज्जत ,सम्मान करते है ।।
अच्छें गुण ही उसकी गुणवत्ता बढ़ाते है ।
व्यक्ति धन से नही अपने गुणों से महान बनता हैं ।।
व्यक्ति अपना चरित्र भी गुणो से बनाता है ।
अच्छे गुण से ही श्रेष्ठ नागरिक बनता है ।।
चरित्र की पहचान गुणो से होती है ।
सद चरित्रवान गुणवत्ता की खान होता है ।।
बृजमोहन रणा ,कश्यप ,अमदाबाद ।
छंदयुक्त कविता ।