ओ प्यारी जिंदगी ठहर जा थोड़ा सा
क्या मिलेगा भागकर....
ओ प्यारी जिंदगी ठहर जा थोड़ा सा
क्या होगा ठहेरेगी तो....
ओ प्यारी जिंदगी ठहर जा थोड़ा सा
क्यू रुकती नहीं हो....
में अगर ठहर गई तो समय थम
जाएगा...
फिर क्या होगा तेरे ख्वाबों का
सोच जरा...
कैसे पूरी करोगे ख्वाइश तुम्हारी
बताओ जरा....
कैसे पाओगे मंजिल तुम्हारी
कहो मुझे....
इसीलिए मत बोलो ठहरने का में तो चलती ही अच्छी हूं....
Ripal Vyas (shree)