वजय बता के क्या फायदा, वजह यही है उसे अब नही रही जरूरत हमारी,अब मंगनी जो हो गई कीसी और से, अब उससे करे तो महोब्बत हमसे करे तो नाजायज, केसे समजाये उसे महोबत होती है दिल से, सादीया होती है रसमोसे, दिल बनाया खुदाने, रस्मे बनाई इन्सानोने, रसमोको निभाने के लीए लोग दील तोडनेसे नही गभराते, फिर खुदासे कहते है ,खुदा तेरे ईस जहामे ईनसानीयत नही रही।।
Raajhemant