मनुष्य के तन में नथुनों से प्राण चले चन्द, सुर्य, शुषुम्णा ये तीनो लय के साथ चले चंन्द स्वर (लेफ्ट) शीतलता दे, सुर्य स्वर ( Right)उष्णता बनाता, दोनों स्वरो का संतुलन रहे तब तक तंदुरुस्ती रहे जब कभी कोई स्वर कम या अधिक चले तब बिमारी बने आप को रोगों से डरना नही है स्वरो को अपने संतुलित रखना ही है इस के लिये ऐक उपाय करे बार बार स्वरो को चेक करे, नाथुनो के आगे दो उंगली रखे और स्वरो को चेक करे जीस नाथुन में से हवा आये इस नाथुन को प्रेश करे बार बार ये काम करे यह स्वर बदल ने का उपाय करे रोगों को भगाये Anil Mistri