आज मेरा जन्मदिन है इस खुशी में मेरी एक छोटी सी कविता
मुझे सताता है अकेलापन
बहुत तड़पाता है अकेलापन ।
तुम नहीं हो मेरे साथ
ये हर बार जताता है अकेलापन
जब तुम आए थे तो था मैं कितना खुश
अब जब तुम चले गए हो रुलाता है अकेलापन
दिल की गलियां तड़पती है तुम्हारी रूह को
पर ना जाने फिर भी दिल में रहता है अकेलापन
तुम थे ,हसरत थी,चाहत थी और अब जब तुम नहीं हो तो बस रह गया है अकेलापन
जब भी याद आती है तुम्हारी तब तब बहुत
सताता है अकेलापन
जिंदगी है,चाहत है ,बस नहीं हो तो तुम
इश्क की गलियों में सताता है अकेलापन
बहुत सताता है अकेलापन