मेहनत कर रे पंछी तू उस पार चला जायेगा
तू चला जायेगा तो तू मंजिल पायेगा रे
चल उड़ जा रे पंछी तू पँख फैला आसमा में
तू आज के लिए नही , तु कल के लिए फैला
मेहनत कर रे पंछी तू उस पार चला जायेगा
तू चला जायेगा तो तू मंजिल पायेगा
तू उड़ जा रे पंछी खुद की उम्मीदों पे
तू कब तक ऐसे बैठेगा रे पंछी
एक दिन तो उड़ान भरनी है
भरोसा खुद पर रख तू उड़ान भर जा
तू डर ना रख खुद को खोने की
तू वापस नई किरणों से आएगा रे
चल उड़ जा रे पंछी तू पँख फैला आसमा में
तू आज आज के लिए नहीं , तू कल के लिए फैला
आज तू जहा है कल क्या पता कहा होगा
तू कल के लिए उड़ पंछी तू कल के लिए उड़
तू कोशिश कर रे पंछी तू समाज का सन्देश है रे
तेरी मंजिल है उस पार, तू कब तक ऐसे बैठेगा रे
तू आज के लिए नहीं तो कल के लिए तो उड़ रे
मेहनत कर रे पंछी तू उस पार चला जायेगा
तू चला जायेगा तो मंजिल पायेगा रे
तू हारने से मत डर एक बार कोशिश करके तो देख
तू हार जाएगा तो कुछ तो सिख कर आएगा रे
आज अकेला है तू ,कल तेरा भी परिवार होगा
आज नहीं तो कल तुझे उड़ना तो पड़ेगा
तुझे परिवार बसाना है तुझे घर बसाना है
तू परिवार के लिए तो उड़ ,तू घबरा ना जा रे
जो आज तेरे साथ है कल कौन कहा होगा रे
तू कल के लिए तो उड़ , तुझे खुद को सवारना है
तू जिंदा रख अपने हौसलों को , तू कर सकता है रे
तुझे आज नहीं तो कल अकेला रहना है
तू आज के लिए नहीं तो उस कल के लिए तो उड़
तू उड़ जा रे पंछी तुझे वो करके दिखाना है
मेहनत कर रे पंछी तू उस पार चला जायेगा
तू चला जायेगा तो मंजिल पायेगा रे
चल उड़ जा रे पंछी तू पँख फैला आसमा में
तू आज के लिए नहीं तो , कल के लिए तो फैला ।।