मौत के पास जा कर भी देखा है
मैंने दिल लगा कर भी देखा है
चाँद को लोग दूर से देखते है
मैंने चाँद को पास बुला कर भी देखा है
इश्क़ की कीमत पूछ लो मुझ से
मैंने घर तक लुटा कर भी देखा है
प्यार तो भीख में भी मिल जाता है
मैंने तो दामन को भी फैला कर देखा है
एक शख्स है जो भूलता नहीं मुझसे
मैंने तो सारी दुनिया को भुला कर भी देखा है