सब कुछ तो हैं मेरे पास
फिर जिन्दगी में कुछ कमी क्यूँ हैं
अश्क़ भी सुख चुके हैं मेरे
फिर यह तकिये में नमी क्यूँ हैं
निकल दौड़ आया हूँ,
इस कशमकश से आगे फिर भी
धड़कने उसी मोड़ पर थमी क्यूँ हैं
एक कारवां हैं, साथ मेरे
फिर मुझे हर क़दम पर
तलाश तेरी ही रहीं क्यूँ हैं...
lamho_ki_guzarishey
Trisha R S... ✍️