My New Poem...!!!!
ना जाने उस पर हमें इतना यकीन क्यूँ है
उस का ख़याल भी तो इतना हसीन क्यूँ है
सुना है प्यार का दर्द तो मीठा ही होता है
तो आँखसे निकला हर आँसू नमकीन क्यूँ
याद में प्रभुकी जो पल बीते वह रंगीन कयूँ
रब का तो सिफँ अहसास ही साथ होता हैं
फिर ख़्याल ही सिफँ इतनी ख़ुशबू देता क्यूँ
सच्चे दिल-से प्रभुजी की बारगाह में कि
गईं हर अर्ज़ ख़ाली कभी नहीं जाती कयूँ
या तो दिल में रब रहता है या दिल ख़ुद ही
बना रब के नूर से है तो दिखता नहीं कयूँ
कुछ तो बात है बंदे-व-रब के दरमियान में
वनाँ बुद्ध साँई नानक मीराबाई उस रंग में
रंग ख़ुद जीदगीं में सादगी अपनाते कयूँ
✍️🌴🥀🌹🌲🙏🌲🌹🥀🌴✍️