तेरी याद
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दिल की हसरत दिल में दबी सी रही
मिलन की ख्वाहिश, ख्वाहिश ही रही
आते - जाते रहे यूँ तो सावन भी कई
तेरे होठों की तलब आज भी बाकी रही
बूज गये सारे दीये लौ कोई बाकी न थी,
दिल में मेरे चिंगारी कोई जलती रही
मिटा कर देखें सभी, तेरी यादों के पल,
फिर तेरी याद हर पल हमें रुलाती रही।
Uma vaishnav
मौलिक और स्वरचित