ब्रह्मांड के भेद, समझो ना एक आखेट, सूझबूझ लगाओ तब समझ में आए ये जीवन के भेद l
रत्नगर्भा ना हो किसी विपत्ति से तू, किसी वस्तु को समझने में , आती है कठिनाइयाँ भरपूर ।
अकल से काम ले ,चल अपनी राह ,लक्ष्य दूर नहीं तू पाएगा आज या कल उसका साथ ।
अज्ञान की चादर , अपने लोचन से हटा ,बस अकल से काम ले और अपनी सूझबूझ बड़ा ।