श्री गणेश के मंत्र
वक्रतुण्ड महाकाय सुर्यकोटि समप्रभ
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा
नवभिस्तन्तुभिर्युक्तं त्रिगुणं देवतामयम् | उपवीतं मया दत्तं गृहाण परमेश्वर ||
ॐ एकदन्ताय विद्धमहे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दन्ति प्रचोदयात्॥
भक्ति गणपति, शक्ति गणपति, सिद्धि गणपति, लक्ष्मी गणपति, महा गणपति।
सुखा करता जय मोरया,दुख हरता जय मोरया;
कृपा सिन्धु जय मोरया,बुद्धि विधाता मोरया;
गणपति बप्पा मोरया,मंगल मूर्ती मोरया!
ब्रह्मदत्त त्यागी हापुड़