काश मरजाती उसी दिन जब पैदा हुई थी..
डॉक्टर ने तो बोल दीया था की कचरे में फेक दो ईसे नई बचेगी ये...
पर देखो कीसी की दुआ लग गई और में बच गई...
मुजे किसी ने मंदबुद्धि कहाँ तो किसी ने पागल कहाँ..
हाँ में हूँ मंदबुद्धि ..
में हूँ दिमाग से पैदल... क्योंकि में पैसो के बारे में नहीं हमेशा रीश्तो के बारे में सोचती हूँ..
मूजसे कोई ओर दुखी ना हो ये सोचती हूँ...
मेरे पास दीमाग कम है ..
पर दिल में जगे बहोत है...
नहीं चाहीए मूजे दुनिया का शातिर बनाने वाला ग्यान ..
में पढी लिखि गवार ही ठीक हूँ.. 🙏
Ami patel